कानपुर : कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर का पीछा करते हुए उसके हॉस्टल में पहुंचकर छेड़छाड़ के मामले में उर्सला का डॉक्टर केएन कटियार विभागीय जांच में दोषी पाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टर मेडिकल कॉलेज की जेआर को परेशान तो कई दिनों से कर रहा था, लेकिन 13 अगस्त को पीछा करते-करते हॉस्टल पहुंच गया था।
इसकी शिकायत पर सीएमओ ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी। कमेटी ने सीमएओ, जिलाधिकारी और मंडलायुक्त को जांच रिपोर्ट देते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही उर्सला के निदेशक डॉ. एचडी अग्रवाल ने भी प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर डॉ. केएन कटियार के निष्कासन की मांग की है। यह भी कहा कि ऐसे व्यक्ति को अपने अस्पताल में नहीं रख सकते।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग की जेआर की तैनाती अक्तूबर से दिसंबर तक उर्सला में जिला रेजिडेंसी कार्यक्रम के तहत हुई थी। जेआर ने पूरी ड्यूटी उर्सला के एक नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. केएन कटियार की देखरेख में की। आरोप है कि ड्यूटी खत्म होने के बाद भी डॉक्टर मोबाइल व व्हाट्सएप के जरिये उससे संपर्क किया करता था।
जेआर का आरोप है कि डॉक्टर एक बार नहीं, कई बार उसके पीछे आया। हद तो तब हो गई, जब उसने हॉस्टल आकर दरवाजे पर हंगामा काटा। उसकी आवाज सुनकर गार्ड भी आ गया। तब उसने शिकायत हैलट में विभागाध्यक्ष से की। इसके बाद प्राचार्य डॉ. संजय काला ने इसकी शिकायत सीएमओ से की। सीएमओ ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई। कमेटी ने गुरुवार को रिपोर्ट सौंप दी है और डॉक्टर को दोषी पाया है।
हमें अपने अस्पताल में ऐसा व्यक्ति नहीं चाहिए। ऐसे डॉक्टरों का हमारे अस्पताल में कोई जगह नहीं है। डॉ. केएन कटियार पर कार्रवाई के लिए प्रमुख सचिव को पत्र लिख दिया है कि उसे निष्कासित किया जाए। लेवल-3 का डॉक्टर है जो कि सालों से नेत्र रोग विभाग में तैनात है। -डॉ. एचडी अग्रवाल, निदेशक, उर्सला अस्पताल
जेआर से छेड़छाड़ करने वाले डॉक्टर ने एक दिन बाद भी हमारी दो जेआर के साथ छेड़छाड़ की कोशिश की। इसका शिकायती पत्र हमारे पास आया है। मामले में पहले से ही कमेटी बनी हुई है। हो सकता है, उसी आधार पर कार्रवाई हो। -डॉ. रिचा गिरी, उप प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज
मामले की रिपोर्ट कमेटी को 05 अगस्त को सौंपनी थी। अभी तक मिली नहीं है। जैसे ही मिलेगी, उस पर कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. आलोक रंजन, सीएमओ
महिला जेआर के साथ छेड़छाड़ मामले का आरोपी डॉक्टर महिला डॉक्टर ही नहीं कई नर्सों पर भी गंदी नजर रखता है। पीड़िताओं का कहना है कि वो मानसिक रोगी है। जब वो अस्पताल में शराब पीकर आ जाता है तो आपा खो देता है। क्या कहता रहता उसे खुद नहीं पता है। भद्दे कमेंट करता रहता। यहां तक वो एक डॉक्टर नहीं बल्कि कई महिला जेआर व नर्सों पर अपनी गंदी नजर रखता और अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें परेशान करता।
डॉक्टर ने महिला जेआर का पीछा किसी एक दिन नहीं कई बार किया। जानकारी के मुताबिक पीड़िता के मुताबिक जब से वो उर्सला में गईं वो घूरता रहता इस बात को उन्होंने नजरअंदाज किया शायद इसी बात ने उसकी हिम्मत बढ़ा दी। वहीं सिर्फ इतना ही नहीं कुछ नर्सों पर भी वो बुरी नजर रखता था। ओटी में शराब पीकर आना तो उसने नियम बना लिया।
वहीं इस पूरे मामले के बाद दो और जूनियर डॉक्टरों ने शराब पीकर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया। जिसकी शिकायत भी प्राचार्य से कर दी गई है। दोनों ही जेआर नहीं बल्कि उस विभाग में कार्य करने वाली अन्य जेआर व नर्सों ने भी दबी जुबान में अपनी पीड़ा जाहिर की। उनका कहना था कि डॉक्टर की वजह से वो मानसिक तौर पर भी परेशान रहने लगीं।
उसके कमेंट और घूर कर खराब नियत से देखने से वे परेशान थीं। पहले सोचा इस बात की शिकायत करूं फिर नजरअंदाज कर दिया। शायद यही वजह रही कि उसकी हिम्मत बढ़ी। आरोप है कि डॉक्टर कहता कि तुम जहां-जहां जाओगी मैं वहां पहुंच जाऊंगा। उसकी इस तरह की बातों से महिला डॉक्टर मानसिक रूप से परेशान थीं।