तिब्बत-बंगाल की खाड़ी और म्यांमार में आया भूकंप, रिक्टर पैमाने पर मापी गई तीव्रता

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ल्हासा : तिब्बत, बंगाल की खाड़ी और म्यांमार में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। तिब्बत में 3.8 तीव्रता का भूकंप आया है। बंगाल की खाड़ी में 4.5 की तीव्रता का भूकंप आया है। वहीं म्यांमार में 3.9 की तीव्रता का भूकंप आया है।

हालांकि खबर लिखे जाने तक इस भूकंप से किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है। गौरतलब है कि भूकंप पृथ्वी की सतह पर होने वाली हलचल या कंपन हैं, जो मुख्य रूप से टेक्टोनिक प्लेटों की गति के कारण होते हैं।

पृथ्वी की बाहरी परत (लिथोस्फीयर) कई विशाल टेक्टोनिक प्लेटों में बंटी है। ये प्लेटें पृथ्वी के आंतरिक भाग (मैन्टल) पर तैरती रहती हैं। जब ये प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं, दूर हटती हैं या एक-दूसरे के नीचे सरकती हैं, तो इससे तनाव उत्पन्न होता है। यह तनाव जब अचानक रिलीज होता है, तो भूकंप आता है।

जब टेक्टोनिक प्लेटों में तनाव रिलीज होता है, तो यह ऊर्जा भूकंपीय तरंगों (सिस्मिक वेव्स) के रूप में फैलती है। ये तरंगें पृथ्वी की सतह को हिलाती हैं, जिससे भूकंप का अनुभव होता है। भूकंप का केंद्र (एपिसेंटर) वह स्थान होता है, जो उस बिंदु के ठीक ऊपर होता है, जहां चट्टानें टूटती हैं।

भारत में हिमालय क्षेत्र और कुछ अन्य फॉल्ट लाइनों (जैसे कच्छ, पूर्वोत्तर भारत) के कारण भूकंप का खतरा अधिक है, क्योंकि भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है। संक्षेप में, भूकंप प्राकृतिक और कभी-कभी मानव-प्रेरित प्रक्रियाओं का परिणाम हैं, जो पृथ्वी की आंतरिक गतिशीलता से जुड़े होते हैं।

4 से 4.9 तीव्रता के भूकंप में घर में रखा सामान अपनी जगह से नीचे गिर सकता है। 5 से 5.9 तीव्रता के भूकंप में भारी सामान और फर्नीचर भी हिल सकता है। 6 से 6.9 में इमारत का बेस दरक सकता है। 7 से 7.9 में इमारतें गिर जाती हैं। 8 से 8.9 में सुनामी का खतरा होता है और ज्यादा तबाही मचती है। 9 या ज्यादा में सबसे भीषण तबाही होती है।