नई दिल्ली : 2024 में वेब-आधारित साइबर खतरों ने लाखों भारतीयों को प्रभावित किया। वैश्विक साइबर सुरक्षा कंपनी Kaspersky की नई रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में प्रत्येक तीन भारतीय इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में से एक वेब साइबर अटैक का निशाना बना। जनवरी से दिसंबर 2024 के बीच, कंपनी ने भारत में उपयोगकर्ताओं के कंप्यूटरों पर 4,43,72,823 इंटरनेट-जनित साइबर खतरों का पता लगाया।
रिपोर्ट के अनुसार, वेब ब्राउजरों के माध्यम से किए जाने वाले हमले अभी भी दुर्भावनापूर्ण प्रोग्रामों को फैलाने का मुख्य तरीका बने हुए हैं। रिपोर्ट ने फाइल-रहित मैलवेयर को सबसे खतरनाक प्रकार का साइबर खतरा बताया है, क्योंकि इन्हें पहचानना और उनसे लड़ना कठिन होता है। 2024 में फिशिंग, रैंसमवेयर और AI-आधारित खतरे भी प्रमुख रहे।
Kaspersky Security Network (KSN) के विश्लेषण के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 की तुलना में भारत में साइबर खतरे की स्थिति में सुधार हुआ है। 2023 में Kaspersky के प्रोडक्ट्स ने 6,25,74,546 इंटरनेट-जनित साइबर खतरों का पता लगाया था, जबकि 2024 में यह संख्या 5% कम हो गई। साइबर खतरों की संख्या में कमी आई है, लेकिन खतरे लगातार बढ़ते जा रहे हैं। KSN डेटा के अनुसार, भारत में साइबर खतरे की स्थिति में सुधार का कारण बढ़ती जागरूकता है।
साइबर सुरक्षा के लिए सुझाव
- अनधिकृत स्रोतों से एप्लिकेशन डाउनलोड और इंस्टॉल न करें।
- अज्ञात स्रोतों से आने वाले लिंक या संदिग्ध ऑनलाइन विज्ञापनों पर क्लिक न करें।
- हमेशा टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें।
- मजबूत पासवर्ड बनाएं और पासवर्ड मैनेजर का उपयोग करें।
- आते ही अपडेट इंस्टॉल करें।