नई दिल्ली : पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों देश युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। कतर के दोहा में आयोजित वार्ता के दौरान दोनों देशों ने तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई है। दोनों देशों के बीच युद्धविराम की मध्यस्थता तुर्की ने की थी।
कतर ने कहा कि दोनों पक्ष आने वाले दिनों में और बैठकें करने पर सहमत हुए हैं ताकि युद्धविराम स्थायी रहे और इसे सही तरीके से लागू किया जा सके। यह शांति वार्ता हाल की लड़ाई के बाद हुई है। इस लड़ाई दोनों देशों के कई लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए हैं। वर्ष 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से दोनों देशों के बीच सबसे गंभीर टकराव है।
जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री मुल्ला मुहम्मद याकूब ने किया जबकि पाकिस्तान की ओर से रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ तालिबान प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में शामिल रहे।
पाकिस्तानी सेना ने पिछले चार वर्षों में 1,200 से अधिक बार अफगानिस्तान की सीमा और 710 बार उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है। अफगान सूत्रों ने यह दावा किया। पिछले सप्ताह काबुल पर पाकिस्तानी हवाई हमले के बाद सैन्य झड़पें शुरू हो गईं थीं। सूत्रों ने बताया कि कई वर्षों के धैर्य और संयम के बाद, अफगानिस्तान ने 11 अक्टूबर को डूरंड रेखा पर पाकिस्तानी सेना की चौकियों के खिलाफ सीमित जवाबी सैन्य अभियान चलाकर अंतरराष्ट्रीय कानून में निहित आत्मरक्षा के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया।
पिछले चार वर्षों में की गई पाकिस्तानी कार्रवाइयों का डिटेल्स शेयर करते हुए सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तानी सीमा बलों ने 1,200 से अधिक बार सीमा का उल्लंघन किया तथा मोर्टार दागे। सूत्रों ने बताया कि 2024 की शुरुआत से अब तक हमलों के कारण 102 नागरिक और अफगान सीमा रक्षक मारे गए हैं और 139 अन्य घायल हुए हैं। सूत्रों ने बताया कि पिछले चार वर्षों में पाकिस्तानी सेना ने 712 से अधिक हवाई उल्लंघन किए हैं, जिनमें नूरिस्तान, कुनार, नांगरहार, खोस्त और पक्तिका प्रांतों में विमानों और ड्रोन से बमबारी की 16 घटनाएं शामिल हैं, जिनमें 114 पाकिस्तानी आदिवासी शरणार्थी, अफगान नागरिक और अफगान सीमा रक्षक मारे गए।
एक सूत्र ने बताया, ‘‘कई मकान और दुकानें नष्ट हो गईं तथा नागरिकों को काफी नुकसान हुआ।’’ सूत्रों ने दावा किया कि दिसंबर 2024 में, जब अफगानिस्तान के लिए पाकिस्तान के विशेष दूत सादिक खान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल काबुल आया, तो इस्लामाबाद के सैन्य विमानों ने पक्तिया और पक्तिका में कई इलाकों पर बमबारी की और नागरिक हताहत हुए। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी वायुसेना ने पिछले अगस्त में अफगानिस्तान के तीन प्रांतों नूरिस्तान, नांगरहार और खोस्त में हवाई हमले किये थे।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तानियों की इस आक्रामक कार्रवाई के जवाब में अफगानिस्तान ने कोई सैन्य प्रतिक्रिया नहीं की और केवल राजनयिक माध्यमों से विरोध दर्ज कराया, फिर भी पाकिस्तान ने उल्लंघन जारी रखा। सूत्रों ने बताया कि हाल में पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने काबुल के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया और अफगानिस्तान की राजधानी में जोरदार विस्फोट की आवाज सुनाई दी। (इनपुट-भाषा)