नई दिल्ली : इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पीएम मोदी से बात करने के लिए सुरक्षा कैबिनेट की मीटिंग रोक दी। वह गाजा में युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई के समझौते पर चर्चा कर रहे थे। इजरायली पीएम ने चर्चा रोककर पीएम मोदी से फोन पर बात की। इसके बाद चर्चा आगे बढ़ाई।
द टाइम्स ऑफ इजरायल ने नेतन्याहू के कार्यालय से जारी बयान के हवाले से बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने नेतन्याहू को गाजा शांति योजना के लिए बधाई भी दी। एक्स पर एक पोस्ट में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया में कहीं भी, किसी भी रूप में आतंकवाद स्वीकार नहीं किया जा सकता।
इजरायली पीएमओ के बयान के अनुसार, “प्रधानमंत्री मोदी ने सभी बंधकों की रिहाई के लिए हुए समझौते पर प्रधानमंत्री नेतन्याहू को बधाई दी।” नेतन्याहू ने इजरायल के प्रति समर्थन के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं ने निकट सहयोग के साथ काम करना जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।
पीएम मोदी ने नेतन्याहू से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी बात की और गाजा के लिए अमेरिका की मध्यस्थता वाली शांति योजना के पहले चरण की “सफलता” पर उन्हें बधाई दी। साथ ही, उन्होंने शत्रुता समाप्त करने के अमेरिकी नेता के प्रयासों की सराहना की। एक्स पर एक पोस्ट में, मोदी ने कहा कि उन्होंने और ट्रंप ने व्यापार वार्ता में हुई “अच्छी प्रगति” की भी समीक्षा की। दोनों नेता आने वाले हफ्तों में करीबी संपर्क में रहने पर भी सहमत हुए।
अमेरिका ने घोषणा की है कि इजराइल और हमास गाजा शांति योजना के पहले चरण पर सहमत हो गए हैं, जिसमें गाजा पट्टी में युद्धविराम और इजराइली बंदियों और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई शामिल है। गाजा शांति योजना के तहत, हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी लोगों की रिहाई और गाजा पट्टी से सेना हटाने के साथ शत्रुता समाप्त हो जाएगी।
7 अक्टूबर, 2023 को इजराइली शहरों पर हमास के हमले के बाद इजराइल ने गाजा में युद्ध शुरू कर दिया था, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे जा चुके हैं। हमास ने 251 लोगों को बंधक भी बनाया और उनमें से 50 से ज़्यादा अभी भी उसकी कैद में हैं। गाजा में हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक इजरायली सैन्य अभियानों में 66,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं।
गाजा बड़े पैमाने पर मानवीय संकट से जूझ रहा है, जिसका मुख्य कारण भोजन और दवाओं की कमी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले महीने कहा था कि गाजा में कुपोषण की दर “खतरनाक स्तर” पर पहुंच गई है।