नई दिल्ली : अध्यात्मिक जगत की बड़ी हस्ती और प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी डॉ. दादी रतनमोहिनी का 101 वर्ष की आयु में निधन हो गया। अस्वस्थ होने के चलते दो दिन पहले उन्हें अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनका इलाज चल रहा था। तड़के 1 बजकर 20 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पार्थिव शरीर की वैकुंठी यात्रा निकाली गई। उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। शांतिवन में उनका अंतिम संस्कार संपन्न होगा। उनके निधन पर देश की नामचीन हस्तियों ने शोक जताया है।
दादी रतनमोहिनी ने आध्यात्मिक जीवन के सौ साल पूरे कर एक नया मुकाम हासिल किया। मात्र 13 वर्ष की छोटी उम्र से उन्होंने अपने जीवन को ईश्वरीय सेवा में समर्पित कर दिया था। दादी रतनमोहिनी ने देश-विदेश में अपनी ईश्वरीय सेवााओं से लाखों लोगों की जिन्दगी बदली है। पिछले महीने 25 मार्च को उनका 101 वां जन्मदिन मनाया गया था। इसके दो हफ्ते बाद उन्होंने अपने शरीर का त्याग कर दिया है। वे प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक सदस्यों में थीं।
दादी रतनमोहिनी के निधन से न केवल आध्यात्मिक बल्कि राजनीतिक और सामाजिक जगत में भी शोक की लहर दौड़ गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, गृह मंत्री अमित शाह, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, फिल्म अभिनेता अनुपम खेर, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा समेत कई नामचीन हस्तियों ने उनके निधन पर दुख जताया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दादी रतनमोहिनी के निधन पर दुख जताते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा-‘दादी रतनमोहिनी जी के निधन के बारे में जानकर मुझे बहुत दुख हुआ है। वे ब्रह्माकुमारी संस्था का एक प्रकाश-स्तंभ थीं। इस संस्थान ने मेरी जीवन यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। दादी रतनमोहिनी जी ने अपनी शिक्षाओं और कार्यों से अनगिनत लोगों की सोच और जीवन को संवारा। सेवा, सद्भाव, शांति और परोपकार के संदेश का प्रसार उन्होंने आजीवन किया। उनकी शिक्षाएं लोगों को अध्यात्म के मार्ग पर चलने और जन-कल्याण-कार्यों के लिए प्रेरित करती रहेंगी। मैं पूरे विश्व में विद्यमान ब्रह्माकुमारी परिवार के सभी सदस्यों एवं इस संस्था के शुभचिंतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करती हूं।’
पीएम मोदी ने दादी रतनमोहिनी के निधन पर गहरा दुख जताया। उन्होंने एक्स पर लिखा- दादी रतनमोहिनी जी की आध्यात्मिक उपस्थिति बहुत ही शानदार थी। उन्हें प्रकाश, ज्ञान और करुणा की किरण के रूप में याद किया जाएगा। उनकी जीवन यात्रा, गहरी आस्था, सादगी और सेवा के प्रति अडिग प्रतिबद्धता में निहित है, जो आने वाले समय में कई लोगों को प्रेरित करेगी। उन्होंने ब्रह्माकुमारी के वैश्विक आंदोलन को उत्कृष्ट नेतृत्व प्रदान किया। उनकी विनम्रता, धैर्य, विचारों की स्पष्टता और दयालुता हमेशा सबसे अलग रही। वह उन सभी के लिए मार्ग प्रशस्त करती रहेंगी जो शांति चाहते हैं और हमारे समाज को बेहतर बनाना चाहते हैं। मैं उनके साथ अपनी बातचीत को कभी नहीं भूलूंगा। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके प्रशंसकों और ब्रह्माकुमारी के वैश्विक आंदोलन के साथ हैं। ओम शांति।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भी दादी रतनमोहिनी के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा-‘ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रमुख राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी जी के देहावसान का दुःखद समाचार स्तब्ध कर देने वाला है। उनका जीवन आध्यात्मिक प्रकाश का स्रोत था, जो अनगिनत आत्माओं को सत्य, शांति और सेवा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता रहा। उनका देवलोकगमन न केवल ब्रह्माकुमारी परिवार, बल्कि समूचे आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों का सायुज्य प्रदान करें और उनके अनुयायियों को इस कठिन समय में धैर्य और संबल प्रदान करें।