नई दिल्ली : देशभर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों की कैंटीन में पौष्टिक खाना ही बनेगा और बिकेगा. यूजीसी ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की अनहेल्दी खाने की रिपोर्ट के तहत छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कैंटीन में अनहेल्दी खाना खाने के बेचने पर रोक का निर्देश दिया है.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का यह निर्देश इंजीनियरिंग, मेडिकल, आर्किटेक्चर समेत अन्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की कैंटीन पर लागू होगा. यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी की ओर से सोमवार को सभी राज्यों और विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा गया है.
अनहेल्दी खाने की बिक्री पर रोक : दरअसल यूजीसी ने एक नोटिस जारी कर उच्च शिक्षा संस्थानों से कहा है कि वो अपने परिसर में अनहेल्दी खाने की बिक्री पर रोक लगाएं और कैंटीनों में हेल्दी विकल्पों को बढ़ावा दें. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की 2020-2023 की रिपोर्ट के चौंकाने वाले आंकड़ों का हवाला देते हुए, जिसमें बताया गया है कि भारत में चार में से एक व्यक्ति या तो मोटापे से ग्रस्त है या मधुमेह, प्री-डायबिटिक है, यूजीसी ने राष्ट्र के लिए अच्छे स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण महत्व पर जोर दिया है.
स्वस्थ भोजन को बढ़ावा देने की अपील : हेल्थ से जुड़ी इन चुनौतियों के जवाब में, एनएपीआई ने अनहेल्दी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने और कैंटीनों में स्वस्थ भोजन विकल्पों को बढ़ावा देने का अनुरोध किया है. बता दें कि एनएपीआई में महामारी विज्ञान, मानव पोषण, सामुदायिक पोषण और बाल चिकित्सा, चिकित्सा शिक्षा, प्रशासन, सामाजिक कार्य और प्रबंधन जैसे तमाम विषयों के विशेषज्ञ शामिल हैं.