नई दिल्ली : भारत और अमेरिका के रिश्ते लगातार गहरे होते जा रहे हैं। इसी क्रम में, बंगलूरू में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास खोला गया है। आज विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने दूतावास का उद्घाटन किया।
अक्सर लोग पूछा करते थे कि कब खुलेगा दूतावास : इस मौके पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, ‘बंगलूरू बहुत महत्वपूर्ण शहर है और यह जरूरी था कि यहां अमेरिकी राजनयिकों का स्थायी दूतावास हो। मैं जब-जब इस शहर में आया तो लोगों ने मुझसे पूछा कि कब दूतावास खुलेगा और मेरा जवाब होता था कि मैं पूरी कोशिश कर रहा हूं। यह काफी समय से लंबित था। बंगलूरू को लेकर मेरी एक शर्त थी कि आप यहां अपना वाणिज्य दूतावास खोलो और मैं गार्सेटी के गृह नगर लॉस एंजलिस में स्थापित करूंगा। तो मैं आपको बता दूं कि हम अपना दूतावास लॉस एंजिलिस में खोलने वाले हैं। एक वाणिज्य दूतावास कई उद्देश्यों को पूरा करता है। इसका एक बड़ा हिस्सा यात्रा को सुविधाजनक बनाना है।’
हमारे रिश्ते पहले से कहीं अधिक : उन्होंने आगे कहा, ‘आज जब हम एआई, इलेक्ट्रिक वाहनों, अंतरिक्ष और ड्रोन जैसे क्षेत्रों के बारे में सोचते हैं, तो हमारे रिश्ते अब पहले से कहीं अधिक तकनीकी आधार पर होंगे। अंतरिक्ष क्षेत्र अब विकसित हो रहा है, इसलिए इसमें और अधिक सहयोग होगा। रक्षा भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। दो दशकों पहले हमारे पास अमेरिकी हथियार नहीं थे, लेकिन आज हम C17 और C130 जैसे विमान उड़ा रहे हैं।’
शिक्षा और शोध में खुली संभावनाएं : उन्होंने यह भी कहा, ‘शिक्षा और शोध में भी अब और सहयोग की संभावनाएं खुल गई हैं, खासकर नई शिक्षा नीति के साथ। मुझे उम्मीद है कि हम संयुक्त रूप से कैंपस बनाएंगे, छात्रों का आदान-प्रदान होगा और अमेरिकी शिक्षा क्षेत्र का प्रभाव भी बढ़ेगा। दूतावास का उद्घाटन इस बात का और संकेत है कि हम अपने इतिहास की झिझक पर काबू पा रहे हैं।’
बंगलूरू में 12वां विदेशी वाणिज्य दूतावास : विदेश मंत्री ने कहा, ‘आज यह हमारे लिए संभव है कि हम भारत-अमेरिका रिश्तों की पूरी क्षमता को समझ सकें और इसे साकार कर सकें। बंगलूरू को भी इस रिश्ते में अपनी भूमिका समझनी जरूरी है। यह शहर में 12वां विदेशी वाणिज्य दूतावास है। हम देश के तौर पर नए दूतावासों को खुलवाने का समर्थन कर रहे हैं, ताकि हमारी दुनिया से और गहरी जुड़ाव हो सके। इसके साथ ही हम और देशों को बंगलूरू में दूतावास खोलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि ऐसे और मौके आएंगे जहां अधिक देश बंगलूरू में अधिक वाणिज्य दूतावास खोलेंगे। इससे भारत, कर्नाटक और बंगलूरू के हितों को बेहतर तरीके से फायदा होगा।’
भारत-अमेरिका के लिए शानदार दिन : अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा, ‘आज का दिन बहुत खास है। कर्नाटक के लिए यह महान दिन है। यह अमेरिका और भारत के लिए शानदार दिन है। यह शहर भारत-अमेरिका रिश्ते की असली पहचान है। यह एक नई शुरुआत है। हम अब और भी मजबूत हैं और एक साथ हैं। अमेरिका को भारतीय कामकाजी लोगों से बहुत फायदा हुआ है और भारत को अमेरिकी पर्यटकों से। आज भारतीय-अमेरिकी लोग विश्वविद्यालय चला रहे हैं और महत्वपूर्ण पदों पर चुनाव लड़ रहे हैं। मेरे लिए, जितना हम इस रिश्ते को बढ़ावा देंगे, उतना ही अच्छा होगा। यही मेरा भविष्य के लिए संदेश है।’
यह एक अच्छी शुरुआत : कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि भारत बंगलूरू के माध्यम से देखा जाता है। कर्नाटक के युवा कड़ी मेहनत कर रहे हैं, दुनिया भर में जा रहे हैं। यह एक अच्छी शुरुआत है, हम बहुत लंबे समय से इसका इंतजार कर रहे थे।
कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा, ‘आज बंगलूरू के लिए एक उल्लेखनीय दिन है। मैं समझता हूं कि इससे न केवल व्यक्तियों की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सकेगा बल्कि उन व्यापारिक घरानों की भी आकांक्षाएं पूरी होंगी जो यह सुनिश्चित करने के लिए कठिन परिश्रम कर रहे हैं कि यह भारत-अमेरीका व्यापार संबंधों के लिए अधिक अनुकूल वातावरण हो। मुझे लगता है कि यह सही दिशा में एक और कदम आगे है।’