यूपी : संभल जिले के गांव शरीफपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक प्रेम गोयल ने छह घंटे की ड्यूटी के दौरान तीन घंटे मोबाइल का इस्तेमाल किया। जिसमें 1.17 घंटे कैंडी क्रश गेम खेला। जिलाधिकारी राजेंद्र पैन्सिया के आदेश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने निलंबित कर दिया है।
बुधवार को जिलाधिकारी राजेंद्र पैन्सिया शरीफपुर गोशाला में पशुओं की मौत की सूचना पर निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे। दोपहर में लौटते समय वह गांव के ही उच्च प्राथमिक विद्यालय में पहुंच गए।
डीएम ने स्कूल में तैनात शिक्षक प्रेम गोयल का मोबाइल चेक किया तो पाया कि शिक्षक ने ड्यूटी के दौरान तीन घंटे तक मोबाइल चलाने में बिताए। शिक्षक ने ड्यूटी के दौरान 1.17 घंटे कैंडी क्रश गेम खेला, बाकि 1.43 मिनट सोशल मीडिया और काॅल में बिताया।
इसके बाद डीएम का पारा चढ़ गया। उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी को शिक्षक को निलंबित करने के आदेश दिए। साथ ही अन्य शिक्षकों को भी चेतावनी दी है। डीएम के निर्देश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक को तत्काल निलंबित कर दिया।
डीएम को बच्चों के होमवर्क में मिलीं त्रुटियां : निरीक्षण के दौरान उन्होंने बच्चों को दिया जाने वाला होमवर्क जांचा। इसमें एक शिक्षक की कॉपी के एक पृष्ठ में नौ त्रुटि, दूसरे शिक्षक के पृष्ठ में 23, तीसरे शिक्षक के पृष्ठ में 11, चौथे शिक्षक के एक पृष्ठ में 21, पाचवें शिक्षक के एक पृष्ठ में 18 और एक अन्य शिक्षक के एक पृष्ठ में 13 त्रुटियां पाई गई हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि यह बेहद खराब स्थिति है। नाराजगी जाहिर करते हुए सुधार के लिए कहा। साथ ही कहा कि यदि सुधार नहीं हुआ तो कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि विद्यालयों में बच्चों को दिए गए होमवर्क में काफी खामियां मिली हैं।
अवैध वसूली और कब्जा कराने में चकबंदी लेखपाल निलंबित : गुन्नौर तहसील में तैनात लेखपाल कृष्ण गोपाल शर्मा को अवैध वसूली करने और जमीन पर कब्जा कराने के मामले में एसडीएम रमेश बाबू ने निलंबित किया है। साथ ही विभागीय कार्रवाई के लिए बंदोवस्त अधिकारी चकबंदी को पत्र लिखा है।
गुन्नौर एसडीएम ने बताया कि आठ जुलाई को गांव ईसमपुर डांडा निवासी रजनेश ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र दिया था। जिसमें आरोप लगाया था कि लेखपाल ने भूमाफियाओं से सांठ-गांठ कर गांव ईसमपुर सैलाब खाम में स्थित जमीन पर पुलिस टीम को साथ ले जाकर अवैध कब्जा करा दिया है।
वह जमीन उन्होंने क्रय की है। आरोप यह भी लगाया गया था कि लेखपाल ने उनसे 28 हजार रुपये वसूले थे। इसके बाद भी दूसरे पक्ष से मिलकर उनकी जमीन पर कब्जा करा दिया गया। पीड़ित ने रुपयों के लेनदेन को लेकर हुई बातचीत का ऑडियो भी दिया।
इसकी जांच नायब तहसीलदार से कराई गई। जो ऑडियो दी गई उसमें भी रुपयों के लेनदेन की बात सामने आई। इसके आधार पर ही लेखपाल को निलंबित किया गया है।