यूपी, बंगाल समेत 12 राज्यों में SIR की समय-सीमा बढ़ाई गई

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नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने 9 राज्यों और 3  केंद्र शासित प्रदेशों में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के पूरे कार्यक्रम को एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है। चुनाव आयोग के इस फैसले से मतदाताओं को वोटर लिस्ट में अपनी जानकारी देने के लिए अतिरिक्त समय मिल गया है।

चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा कि गणना प्रपत्र वितरण अब चार दिसंबर के बजाय 11 दिसंबर तक जारी रहेगा। ड्राफ्ट वोटर लिस्ट अब नौ दिसंबर की जगह 16 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी, जबकि फाइनल वोटर लिस्ट अब सात फरवरी की जगह 14 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी।

अधिकारियों ने बताया कि आयोग ने उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ आंतरिक चर्चा के आधार पर SIR के सभी चरणों की समय-सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है जहां यह प्रक्रिया जारी है।

चुनाव आयोग ने 27 अक्टूबर को  9 राज्यों और 3  केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की घोषणा की थी। लगभग 51 करोड़ मतदाता इस कवायद के दायरे में आएंगे। ये राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं — अंडमान निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्यप्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल। इनमें तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होंगे। असम में, जहां 2026 में चुनाव होने हैं, मतदाता सूची के संशोधन की घोषणा अलग से की गई है। इसे ‘विशेष संशोधन’ कहा जा रहा है।

अधिकांश राज्यों ने मतदाता सूची का पिछला एसआईआर 2002 और 2004 के बीच किया था, और उन्होंने अपने-अपने राज्यों में हुए पिछले एसआईआर के अनुसार वर्तमान मतदाताओं की ‘मैपिंग’ लगभग पूरी कर ली है। मतदाताओं की ‘मैपिंग’ से तात्पर्य वर्तमान मतदाताओं को मतदाता सूची में उनकी पिछली प्रविष्टियों से जोड़ने, पते का सत्यापन करने तथा बूथ स्तरीय अधिकारियों द्वारा घर-घर जाकर सत्यापन के माध्यम से विसंगतियों को ठीक करने की प्रक्रिया से है।

एसआईआर का मुख्य उद्देश्य विदेशी अवैध प्रवासियों के जन्मस्थान की जांच करके उन्हें मतदाता सूची से बाहर करना है। यह कदम विभिन्न राज्यों में रह रहे बांग्लादेश और म्यांमा के अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के मद्देनजर महत्वपूर्ण माना जा रहा है।