नई दिल्ली : भारत वैश्विक प्रौद्योगिकी के लिए पसंदीदा भागीदार बना हुआ है। ऐसा कोई उद्योग या देश नहीं है, जो बिना तकनीकी की अग्रणी भूमिका के आगे बढ़ रहा हो। ये सभी प्रौद्योगिकी से संचालित होते रहे हैं। नैसकॉम के चेयरमैन राजेश नांबियार ने कहा कि वैश्विक प्रतिभा केंद्र के रूप में भारत की ताकत बढ़ रही है। प्रौद्योगिकी अधिक तेजी से अर्थव्यवस्थाओं को आकार दे रही है।
उन्होंने कहा कि एक और बात जो भारत को व्यापक वैश्विक तकनीकी तंत्र में महत्वपूर्ण भागीदार बनाती है, वह इसका संपन्न स्टार्टअप और नवाचार तंत्र है। 34,000 से अधिक प्रौद्योगिकी और 3,600 डीप टेक स्टार्टअप के साथ देश की बुनियादी स्थिति मजबूत हैं। एआई और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी तकनीकी अच्छी तरह से स्थापित हैं। उन्होंने कहा, 2026 में आईटी उद्योग का मूल्यांकन 300 अरब डॉलर के पार पहुंच जाएगा। यह 58 लाख को रोजगार देता है।
केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा, भारत का ‘सभी के लिए एआई’ मंत्र ठोस बुनियाद पर आधारित है। उद्योग जगत को वैश्विक कौशल राजधानी के रूप में भारत की स्थिति का लाभ उठाने के लिए अनुसंधान और विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा, भारत विश्व की कौशल राजधानी है। एआई कौशल पैठ में भारत दुनिया में नंबर एक है। एआई कौशल सूचकांक में अमेरिका और जर्मनी से भी आगे है।