भोपाल : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा विवादों में घिरती नजर आ रही है। उन्होंने भारत विरोधी अमेरिकी सांसद इल्हान उमर से भी मुलाकात की है। इस पर बीजेपी और विरोधी दल निशाना साध रहे हैं। इस बीच सीनियर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है। पांच बार के सांसद और तीन बार के विधायक दिग्विजय सिंह के छोटे भाई ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताते हुए कहा कि बस करो नेताजी बहुत हो गया।
बता दें कि लक्ष्मण सिंह दिग्विजय सिंह के छोटे भाई हैं। वह लोकसभा सांसद और विधायक भी रह चुके हैं। वह 2023 का विधानसभा चुनाव हार गए थे। इससे पहले भी लक्ष्मण सिंह कई बार सार्वजनिक मंच पर कांग्रेस की नीतियों की आलोचना कर चुके हैं। लोकसभा चुनाव में उन्होंने दिग्विजय के सामने ही कहा था कि पता नहीं कांग्रेस की पांच गारंट क्या है।
वहीं, राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा के दौरान उनके बयानों पर सीएम डॉ मोहन यादव ने सोशल मीडिया के जरिए राहुल गांधी पर निशाना साधा है। एक्स हैंडल पर मोहन यादव ने लिखा “राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी की देश और आरक्षण विरोधी मानसिकता एक बार पुनः उजागर हो गई। यह कोई पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने विदेश जाकर भारत के लोकतंत्र का अपमान किया हो। आरक्षण पर राजनीति करने वाली कांग्रेस की कुंठित मानसिकता अब सबके सामने है।
उन्होंने कहा कि भारत को धर्म और जातियों के आधार पर बांटने वाली कांग्रेस का आरक्षण विरोधी एजेंडे का समर्थन करना भारत के संविधान का अपमान है। राहुल गांधी भारत की संवैधानिक व्यवस्थाओं का सम्मान करना कभी नहीं सीख सकते, उनकी इस सोच को देश कभी माफ नहीं करेगा।”
वहीं, केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे ने कांग्रेस नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं, वो देश के विपक्ष के नेता नहीं हैं। भारत में भले ही भाजपा और कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ी हैं, लेकिन देश के बाहर जाकर हम एक हैं। राहुल गांधी को ये चीज समझ में नहीं आ रही है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि राहुल गांधी को समझ में आना चाहिए कि चुनाव में हम अलग-अलग भले ही लड़े, लेकिन विकास के लिए हमें साथ आना चाहिए, अगर देश पर कोई विपत्ति आती है तो हमे एक साथ खड़े होना चाहिए। विदेशी धरती पर देश को नीचा दिखाकर राहुल गांधी आखिर क्या करना चाहते हैं?