कोलकाता : 9 अगस्त को रेप-मर्डर..16 दिन की पूछताछ, अब अरेस्ट हुए संदीप घोष

Sandip-Ghosh

कोलकाता : कोलकाता रेप-मर्डर केस ने पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ खींचा. 9 अगस्त की दरमियानी रात आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर की मौत के बाद देशभर में उबाल उठा. उस समय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल रहे संदीप घोष को अब जाकर सीबीआई ने अरेस्ट किया है. इस घटना में अब तक क्या-क्या हुआ ये समझने की जरूरत है. तजा मामला यह है कि सीबीआई ने करीब 16 दिनों की पूछताछ के बाद सोमवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के विवादास्पद पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ्तार कर लिया है.

संदीप घोष उस समय संस्थान के प्रिंसिपल थे जब 9 अगस्त की सुबह वहां जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर की बलात्कार और हत्या के बाद लाश मिली थी. सीबीआई ने लगातार 16वें दिन पूछताछ के बाद घोष को गिरफ्तार है. कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश के बाद 14 अगस्त को मामले की जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को सौंपी गई थी.

घोष से सीबीआई जूनियर डॉक्टर की बलात्कार और हत्या के अलावा उनके कार्यकाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं बारे में भी पूछताछ कर रही थी. जानकारी के मुताबिक पूरे दिन सीबीआई की कार्रवाई के बाद उन्हें वित्तीय अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार किया गया है. घोष सोमवार की सुबह सॉल्ट लेक स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सीबीआई कार्यालय में पूछताछ के लिए पेश हुए, जहां एजेंसी की विशेष अपराध इकाई बलात्कार और हत्या मामले की जांच कर रही है.

दिन भर पूछताछ के बाद घोष को सीबीआई के निजाम पैलेस कार्यालय ले जाया गया, जहां एजेंसी की आर्थिक अपराध शाखा है, जो आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच कर रही है. संयोग से, घोष से 16 दिन पहले पूछताछ शुरू होने के बाद यह पहली बार था, जब उन्हें निजाम पैलेस कार्यालय ले जाया गया.

अस्पताल के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त की सुबह डॉक्टर का शव मिलने के बाद से ही घोष विवादों में हैं. इस भयावह घटना का विरोध कर रहे चिकित्सा बिरादरी के एक वर्ग ने शुरू से ही दावा किया है कि संभवतः जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर घोष के अधीन अस्पताल प्रबंधन के कुछ भयानक रहस्यों को जानने के बाद पीड़ित बन गई. इसी अस्पताल में यह घटना 24 दिन पहले हुई थी. इसे बाद देशभर में प्रदर्शन शुरू हुआ.

कलकत्ता हाईकोर्ट ने आरजी कर अस्पताल में कथित विनियमितताओं की जांच राज्य द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के हाथों से लेकर सीबीआई को सौंप दी थी.  हाईकोर्ट का यह निर्देश अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली की याचिका पर आया था. अली ने घोष के प्राचार्य रहने के दौरान अस्पताल में वित्तीय अनियमितताएं होने की ईडी द्वारा जांच कराये जाने का अनुरोध किया था.

घोष फरवरी, 2021 से सितंबर 2023 तक आरजी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य थे. उनका उस साल अक्टूबर में आरजी कर कॉलेज से तबादला कर दिया गया था लेकिन एक महीने के अंदर ही वह इसी अस्पताल में इस पद पर लौट आये थे. वे इस अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर की कथित बलात्कार के बाद हत्या कर दिये जाने तक अपने पद पर बने रहे थे.

फिलहाल अब संदीप घोष सीबीआई की गिरफ्त में हैं. संदीप घोष के अलावा तीन अन्य भी गिरफ्तार हुए है. तीन और जो गिरफ्तार हुए हैं उनके नाम देबाशीष, विक्रम सिंह और संजय विशिष्ठ हैं. ये भी इसी केस से जुड़े हुए हैं. पहले कोलकाता पुलिस के स्वयंसेवक संजय रॉय को प्रशिक्षु डॉक्टर की कथित बलात्कार के बाद हत्या के सिलसिले में कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था और उसे सीबीआई के हवाले कर दिया गया था.

यहां एक बात यह जरूर जान लेना जरूरी है कि संदीप घोष कोलकाता की सीएम ममता बनर्जी की पार्टी के नजदीक माने जाते हैं. इसकी बानगी देखिए कि जैसे ही रेप और मर्डर केस का मामला सामने आया, संदीप घोष ने रिजाइन दिया. रिजाइन देते ही ममता ने उन्हें दूसरे मेडिकल कॉलेज में नियुक्ति देते हुए प्रिंसिपल बना दिया. इसके बाद बीजेपी समेत अन्य विपक्षी दलों ने जब इसको लेकर प्रदर्शन किया, तब सीबीआई ने संदीप घोष पर सिकंजा कसना शुरू किया.

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