नई दिल्ली : भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने राजकीय दौरे पर शनिवार रात अफ्रीकी देश अंगोला पहुंचीं। यह किसी भारतीय राष्ट्रपति की अंगोला की पहली यात्रा है। राष्ट्रपति भवन के अनुसार, यह ऐतिहासिक दौरा भारत की अफ्रीका और ग्लोबल साउथ के साथ संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। राष्ट्रपति मुर्मू 8 से 11 नवंबर तक अंगोला में रहेंगी। द्रौपदी मुर्मू को अंगोला आने का निमंत्रण वहां के राष्ट्रपति जोआओ लौरेंको ने दिया था।
वहीं मामले में विदेश मंत्रालय (एमईए) के सचिव (आर्थिक संबंध) सुधाकर दलेला ने बताया कि यह दौरा भारत के बढ़ते फोकस को दर्शाता है, जिसमें अफ्रीका के देशों के साथ राजनीतिक, आर्थिक, विकास और सांस्कृतिक क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करना शामिल है। इस दौरान ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत बोत्सवाना से चीता लाने पर भी चर्चा होगी।
अंगोला प्रवास के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू सबसे पहले अपने समकक्ष जोआओ लौरेंको के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगी। इसके बाद अंगोला की स्वतंत्रता के 50 वर्ष पूरे होने के समारोह में शामिल होंगी और फिर अंगोला संसद को संबोधित करेंगी और वहां के भारतीय समुदाय से मुलाकात करेंगी।
राष्ट्रपति मुर्मू इसके बाद 11 से 13 नवंबर तक बोत्सवाना जाएंगी। वहां वे राष्ट्रपति डुमा गिडियन बोको से मिलेंगी और व्यापार, निवेश, तकनीक, ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य, रक्षा और जन-से-जन संबंधों पर बातचीत करेंगी। वे बोत्सवाना की संसद को संबोधित करेंगी और सांस्कृतिक व ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करेंगी।
गौरतलब है कि हाल के वर्षों में भारत और अफ्रीका के बीच संबंधों में काफी मजबूती आई है। इस दौरे से इन रिश्तों को और रणनीतिक और जन-केंद्रित दिशा में आगे बढ़ाने की उम्मीद है।
