सुखोई 30MKI, जगुवार और MiG-21 के महारथी, जा रहे गगन चूमने; देश कर रहा गर्व

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नई दिल्ली : अंतरिक्ष में एक बार फिर भारत का डंका बजने जा रहा है. स्पेस में तिरंगा गाड़ने के लिए जिन नामों पर भरोसा जताया गया था, उन्हें फाइनली अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन भेजने के लिए चुन लिया गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर के नाम पर मुहर लगा दी है. 

दोनों ISS के लिए तैयार इंडिया-यूएस मिशन के लिए चंद घंटों बाद अपने मिशन पर होंगे. NASA सर्टिफाइड सर्विस प्रोवाइडर Axiom Space, Inc की इस चयन में भूमिका रही. ISRO ने कहा- ‘उसके मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र ने ISS के लिए अपने चौथे मिशन के लिए एक्सिओम स्पेस इंक के साथ स्पेस फ्लाइट समझौता किया है. इस दौरान ‘नेशनल मिशन असाइनमेंट बोर्ड’ ने दो गगनयात्रियों (अंतरिक्ष यात्रियों) – ग्रुप कैप्टन शुक्ला (प्रधान) और ग्रुप कैप्टन नायर के नाम की सिफारिश को मंजूरी दी गई.

इसरो ने कहा, ‘नियुक्त चालक दल के सदस्यों को बहुपक्षीय चालक दल संचालन पैनल (MCOP) द्वारा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर उड़ान भरने की मंजूरी दी जाएगी. ये गगनयात्री अगस्त, 2024 के पहले सप्ताह से मिशन के लिए अपना प्रशिक्षण शुरू करेंगे.’ मिशन में दोनों ‘गगनयात्री’ ISS पर सेलेक्टेड साइंटिफक रिसर्च और तकनीक का प्रयोग करते हुए स्पेस गतिविधियों में शामिल होंगे. इस मिशन में मिले एक्सपीरिएंस भारत के फ्यूचर स्पेस मिशन के लिए फायदेमंद होंगे. इससे ISRO और NASA के बीच मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग भी मजबूत होगा.

शुभांशु शुक्ला यूपी के लखनऊ के रहने वाले हैं. शुक्ला का जन्म 10 अक्तूबर, 1985 को लखनऊ में हुआ था. उनके पिता का नाम शंभूदयाल शुक्ला है. उनकी शुरुआती पढ़ाई वहीं हुई. उनकी फैमिली त्रिवेणीनगर में रहती है. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) को अपने पूर्व छात्र शुभांशु शुक्ला पर हमेशा गर्व रहा है. शुभांशु को 17 जून 2006 को इंडियन एयरफोर्स की फाइटर विंग में कमीशन मिला था. शुभांशु कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलट हैं. 

उनके पास करीब 2000 घंटे की उड़ान का अनुभव है. शुक्ला को सुखोई 30MKI, MiG-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर और N-32 समेत कई जंगी जेट उड़ाने में महारथ हासिल है. शुक्ला रूस और अमेरिका में भी चार साल की कड़ी ट्रेनिंग ले चुके हैं. ISRO के इस मिशन में चयनित होने से पहले वो गगनयान मिशन के लिए भी चुने जा चुके हैं.

मलयालम डेली मातृभूमि की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने नेशनल डिफेंस एकेडमी से ग्रेजुएशन किया है. उन्होंने अलबामा में यूएस एयर कमांड और स्टाफ कॉलेज से पहली रैंक के साथ ग्रेजुएशन किया और 1999 में कमीशन अधिकारी के रूप में एयरफोर्स में शामिल हो गए. वो एक फाइटर पायलट हैं जो सुखोई विमान उड़ाते हैं. रूस में प्रशिक्षण के अलावा, उन्होंने बेंगलुरु के मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र में भी प्रशिक्षण लिया है.

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